ये कहानी नई नहीं काफी सदियों से चली आ रही है, मगर आज हम बात कर रहे शारदा यूनिवर्सिटी मेडिकल की छात्रा ज्योति की जिसने मानसिक उत्पीड़न से परेशान हो कर अपने जीवन का अंत कर लिया। अपने सुसाइड नोट में उसने अपना सारा दर्द बयां किया जिसमे कुछ प्रोफेसर का नाम बताया जिन्होंने ज्योति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया उसने अपने सुसाइड नोट में साफ लिख दिया यदि मेरी मौत होती है तो उसके जिम्मेदार PCP और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया मेरा बहुत अपमान किया मैं चाहती हूँ वो जेल जाए उन्हें भी वो भुगतना पड़े जिनके वजह से मैं लम्बे समय से तनाव में हूँ मैं इस तरह वापस नहीं जा सकती। इस सुसाइड नोट को पढ़ कर कोई भी नहीं चाहेगा उनके बच्चों के जीवन के साथ ऐसा खिलवाड़ हो। दुख तो इस बात का है कि बच्चे ऐसा कदम तभी उठाते है जब उन्हें किसी का साथ ,समर्थन और सहानुभूति प्राप्त नहीं होती। तो आप यदि माता पिता है तो सबसे पहले अपने बच्चे को प्रोत्साहित करना सीखे उनका हौसला बढ़ाए, उनकी उदासी और खामोशी को समझने का प्रयास करे।
देश के सभी छात्र और छात्राओं को बस यही कहना चाहूंगी उम्मीद पर ही ये दुनिया टिकी है,आपका खुद पर विश्वास ही आपको कामयाबी के रास्ते पर ले कर जाता है आपका जीवन किसी दूसरे का मोहताज नहीं आपकी जिंदगी इतनी सस्ती नहीं जो आप कुछ लोगो के कारण उसे समाप्त कर लो, एक प्रतिज्ञा लो स्वयं को बेहतर बनाने का अपने उज्जवल भविष्य को स्वयं के द्वारा निर्धारित करने का, यकीनन आप कामयाब होंगे और आपके विरोधी एक दिन नतमस्तक होंगे।
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By- SNEHA AMROHI